वार्षिक लेखनी प्रतियोगिता- प्यार का पहला खत(लघु कथा)
यह खत मैं रोज़ पड़ती हूं रात को सोते समय। उसका पहला और आखिरी ख़त, सालों से मेरी डायरी में मैंने सहेज कर रखा है उसकी निशानी के तौर पर। मैं उससे बात नहीं कर सकती, ना देख सकती हूं, बस इसी खत के सहारे जिन्दा रखा हुआ है उस पल को जब पहली बार उसने यह खत लिखा था। कहा था, अच्छा ना लगे तो फाड़ देना पर तुम मुझसे नाराज़ मत होना, इसे हमारी दोस्ती के बीच मत आने देना।
पूरा खत मुझे मुँह ज़बानी याद है। फिर भी हर रात पड़ती हूँ।
" पहली बार देखा था जब तुम्हें, दिल में कोई घंटी नहीं बजी थी। लेकिन जैसे-जैसे तुम्हें जानना शुरू किया, तुम शक्कर की तरह जिंदगी में घुलती गयी।
तुम्हें यूँ ही बेवजह देखना अच्छा लगने लगा। तुम्हारी सादगी बहुत खास है मेरे लिए। एक काजल बहुत है तुम्हारे चेहरे को खास बनाने के लिए। तुम्हें एहसास नहीं तुम कितनी ख़ूबसूरत हो। तुम्हारी सोच कितनी अलग है सबसे। तुम नाज़ुक भी हो और सख्त भी। तुम थोड़ी नमकीन हो और थोड़ी मीठी भी।
पता नहीं प्यार क्या होता है बस जब भी गाने सुनता हूं तो तुम नजऱ आती हो। हर वक़्त तुमसे बातें करने का मन करता है बिना फोन के बिल की चिंता किये हुए, हा हा हा......
अगर यह प्यार है तो हाँ मुझे प्यार है......
सुबह उठते ही तुम्हारा चेहरा देखूं और रात में सोते हुए तुम्हें करीब देखकर सुकून से सो सकूँ, बस अब यही ख्वाहिश है मेरी।
कहो बनोगी मेरे दिन और रात....."
मैंने कोई जवाब नहीं दिया पर नाराज भी नहीं हुई। पहली बार किसी ने मेरी सादगी को खूबसूरत कहा था। उसने मुझे बहुत ख़ास महसूस करवाया जो शब्दों में कहना मुमकिन नहीं मेरे लिए।
मैं कहना चाहती थी कि मैं भी उससे प्यार करती हूं, पर नहीं कह पायी। मेरे कुछ कहने से पहले वो चला गया , मुझे बिना सुने हुए। उस दिन वो आया ही नहीं, मैं कॉफी हाउस में उसका इंतज़ार करती रही। बस एक फोन आया," एक लड़के की मौत हो गयी है कार दुर्घटना में मीरा रोड पर, मरने वाले के फ़ोन पर आखिरी कॉल आपका था। क्या आप जानती हैं इन्हें?"
मेरे सोचने समझने की शक्ति ख़त्म हो चुकी थी, कुछ बोलने की हालत में नहीं थी।
मुझे याद नहीं मैं कैसे दुर्घटना स्थल तक पहुंची।
पहली बार लगा वक़्त किसी का इंतज़ार नहीं करता और सही वक़्त जैसा कुछ नहीं होता। जिस वक़्त आप अच्छा महसूस करते हैं, आपका दिल आपको इशारा करता है कुछ कहने के लिये ,बस वही वक़्त सही है। वक़्त के इंतज़ार में ना जाने कितनी प्रेम कहानियां ऐसे ही अधूरी रह जाती हैं।
मैं हर रात उसका खत पड़ती हूँ और हर बार कहती हूँ , हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
❤सोनिया जाधव
𝐆𝐞𝐞𝐭𝐚 𝐠𝐞𝐞𝐭 gт
02-Mar-2022 06:45 PM
👌👌
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Seema Priyadarshini sahay
11-Feb-2022 07:58 PM
Very nice💐💐
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Gunjan Kamal
10-Feb-2022 09:09 PM
Very nice👏👌🙏🏻
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